अष्टमी पूजा 2025:- अष्टमी पूजा नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की जाती है। भक्तजन व्रत, हवन, कन्या पूजन और विशेष अनुष्ठान के माध्यम से माता की कृपा प्राप्त करते हैं।अगर आप अष्टमी पूजा 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और धार्मिक महत्व जानना चाहते हैं, तो यह लिए है।
अष्टमी पूजा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
9 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को महाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा, जिसमें अष्टमी तिथि सुबह 06:40 AM से शुरू होकर 10 अक्टूबर को सुबह 05:20 AM तक रहेगी। इस दिन महाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08:00 AM से 10:30 AM तक रहेगा, जबकि संधि पूजा का समय शाम 06:45 PM से 07:30 PM के बीच होगा। कन्या पूजन के लिए सुबह 09:00 AM से 12:00 PM का समय श्रेष्ठ माना गया है। खास बात यह है कि इस वर्ष महाष्टमी पर अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाएगा।
अष्टमी पूजा का धार्मिक महत्व

-
मां महागौरी की पूजा: अष्टमी के दिन मां महागौरी की विशेष आराधना की जाती है, जो शांति, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
-
कन्या पूजन का महत्व: इस दिन नौ कन्याओं और एक लड्डू गोपाल (बालक) को भोजन कराकर मां दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है।
-
संधि पूजा का महत्व: अष्टमी और नवमी के संधिकाल में की गई पूजा विशेष फलदायी होती है।
-
नवरात्रि व्रत का फल: अष्टमी व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अष्टमी पूजा 2025: व्रत और पूजन विधि
महाष्टमी के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को फूलों से सजाकर पूजा प्रारंभ करें। घी का दीपक जलाकर मां महागौरी का ध्यान करें और “ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करें। संधि पूजा के दौरान हवन करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस शुभ अवसर पर कन्या पूजन करें और कन्याओं को हलवा-पूरी व चने का प्रसाद अर्पित करें। अंत में मां दुर्गा की आरती करें और भक्तिभाव से प्रसाद ग्रहण करें।
अष्टमी पूजन के विशेष उपाय (सफलता और सुख-समृद्धि के लिए)

महाष्टमी के दिन धन लाभ के लिए मां लक्ष्मी को कमल का फूल और सफेद मिठाई अर्पित करें। संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या पूजन में नौ कन्याओं को खीर खिलाकर उपहार दें। नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ कराएं, जिससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक बने। वहीं, रोगों से मुक्ति पाने के लिए अष्टमी के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
Recent Posts
- राम नवमी 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
- Net Worth of Bageshwar Sarkar 2025 – संपत्ति, आय और 1000 करोड़ के कैंसर अस्पताल की पूरी जानकारी
- Allu Arjun Net Worth 2025: कितनी है अल्लू अर्जुन की संपत्ति? देखें पूरी जानकारी यहाँ!
- YouTuber Manoj Dey Net Worth 2025: जानिए कितनी है Manoj Dey की कुल संपत्ति?
- Revolt RV1 इलेक्ट्रिक बाइक: 5 साल की बैटरी वारंटी और 160KM रेंज, कीमत हुई सस्ती!
अष्टमी पूजा 2025 का पर्व 9 अक्टूबर को शुभ योग में मनाया जाएगा। इस दिन मां महागौरी की आराधना, व्रत और कन्या पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति आती है। अगर आप मां दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस अष्टमी पर विधिपूर्वक व्रत और पूजन जरूर करें।
“जय माता दी!”
Good 👍